Sunday, 7 July 2013

विद्युतगती कार्यवाही हेतु| २ दिनबाद परीक्षा-परीक्षाकेंद्र की समस्या? "पारदर्शकता अभाव के दु:ष्परिणाम"


आज दिनांक : ०७- ०७ - २०१३ दोपहर १२:५६ बजे 
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी 
को उनकी अधिकृत वेबसाईट 
और ई-मेलआयडी cm@mp.nic.in, cs@mp.nic.in  पर निम्न 
पत्र प्रेषित किया | 




दिनांक : ०७-०७-२०१३. १२:५० बजे [विद्युतगती से तत्काल कार्यवाही हेतू]

आदरणीय विश्वसनीय मुख्यमंत्री जी,      सस्नेह सादर प्रणाम । 


अब केवल २ दिन शेष । विगत ४ दिनो से क्रमबद्ध लिखित, व कार्यालयीन कर्मचारियो के माध्यम से 

दूरभाष सूचनाओ द्वारा ध्यानाकर्षण का सिलसिला जारी| परंतु कोई उत्तर नही और समस्या निदान संबंधी 

कोई जानकारी भी नही । माध्य. शिक्षा मंडल की अव्यावहारिक कार्य पद्धती के कारण १० वी बोर्ड पूरक 

परीक्षा में नेपानगर के विद्यार्थियो का परीक्षा से वंचित रहना संभव । आपात स्थिती में भी माध्य. शिक्षा 

मंडल से दु:खद, अत्यंत लचर व अमानवीय व्यवहार का प्रतिदिन अनुभव । अत्यंत दु:खद, कटू व 

अक्षम्य प्रशासकीय व्यवस्थाए ,  ऐसा क्यो ? 



माननीय मुख्यमंत्री जी व मुख्यसचिव को भी दि. ०४ जुलाई २०१३ को सायं ०४:४५ बजे इस आशय का 

ईमेल भेजा था जिसमे निवेदन किया गया था कि केवल मुख्यमंत्री जी की पहल से विद्यार्थियो की 

संभावित हानी को बचाया जा सकेगा, मा. मुख्यमंत्री जी कृपया माध्य. शिक्षा मंडल के सचिव को 

निर्देशित करे कि " पहुञ्चविहिन परीक्षा केंद्र खकनार को बदलकर नेपानगर अथवा बुराहानपुर करे, 

विद्युतगती से उक्त पहल और समस्या निराकरण करना आवश्यक है । " 



माननीय मुख्यमंत्री जी की अधिकृत वेबसाईट सहित अनेक बार मुख्यमंत्री जी के दोनो ट्विटर पृष्ठ पर 

उक्त कटू स्थिती व आवश्यकता को रेखांकित किया । " दु:खद है कि उपरोक्त के बावजूद भी आज दिनांक 

०७/०७/२०१३ दोपहर १२:५० बजे तक मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं या कार्यालय कर्मचारियों सहित किसी भी 

सक्षम अधिकारी की ओर से कोई भी अधिकृत सूचना या समस्या निदान संबंधी जानकारी नही मिली है।" 



विश्वास है कि मुख्यमंत्री जी और शिक्षामंत्री नें तत्काल समस्या निदान के लिये योग्य निर्देश दिये 

होंगे, यह भी संभव है कि शायद शिक्षा मंडल के अधिकारियो ने  भी निर्देशो के पालनार्थ इस दिशामें 

कदम उठाये होंगे, 

परंतु दोनो पक्षो की ओर से सूचनाये सार्वजनिक नही की गयी है,  इस विषय में समस्या प्रेषको को समय 

सीमा के अंदर उत्तर नही दिये गये है | विभागीय अधिकारियो के व्यवहार भी निंदनीय, दु:खद और कटु 

अनुभव में आए है । अतएव विद्यार्थियो -पालको और नागरीको नें दु:खी होकर शासन-प्रशासन के प्रति 

अविश्वास के साथ साथ क्षोभ व्यक्त करना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है । 


दुर्भाग्य से पिछले कुछ वर्षों से देशभर में ठीक इस प्रकार के प्रकरण प्रतिदिन अनुभव में आने लगे  

है जिस कारण राजनेताओ, प्रशासको और नागरीको के मध्य परस्पर अविश्वास अत्याधिक बढा है।




माननीय मुख्यमंत्री जी, यह सदा स्मरण रखना होगा कि 

" विभिन्न सूचनाओ - आदेशो,  शासकीय - प्रशासकीय कार्यप्रणाली सम्बंधित जानकारी आदि की प्रेषण-

-विहीन व्यवस्था और शासकीय कार्य में पारदर्शकता के अभाव में ही शासन - प्रशासन और नागरीको के 

मध्य अविश्वास बहुत ज्यादा तीव्र हो जाता है।"  



शासन और नागरिको के बीच पनपा अविश्वास देश की प्रगती, सुरक्षा, 

स्थायी-शासक बने रहने की भूमिका, व्यक्तियो की मनमानी, 

भ्रष्ट्राचार, अत्याचार, अनाचार, अन्याय और महंगाई का कारक है, 

जिसे तुरंत रोकना आवश्यक है । 

मध्यप्रदेश सहित भारत के हर राज्य में यह स्थिती बनी है, जो अब एक राष्ट्रीय समस्या है। 

सार्वजनिक क्षेत्रो में शासन और नागरीको ने पारदर्शी व्यवस्थाये व्यवहार में लाने पर उपरोक्त 

समस्या का निदान होगा । 



अत: विशेष रूप से सरकारे गोपनीयता न रखकर सभी कार्यालयो के 

प्रतिदिन के क्रियाकलाप के सारांश, सभी आदेश / निर्देश और कार्यालयीन 

रोकडबही के प्रतिदिन के रेखांकित अभिलेख के पृष्ठ को प्रत्येक दिन 

सूचना पटल पर चस्पाये व चस्पाये गये हर कागज की प्रतिलिपी एक 

सप्ताह के अंदर वेबसाईट पर अपलोड करना अनिवार्य और बंधनकारी करे 

तो, निश्चित ही कोई समस्या नही रहेगी। 



शासन और नागरिक उपरोक्त समस्या निदान को सहज व्यवहार में ला सकते है । 


अतएव मै सार्वजनिक कार्यो के संपूर्ण व्यवहारो को पारदर्शी बनाने का आग्रह व व्यवहार कर रहा हू, 


इसी के अंतर्गत इस सूचना के साथ आज यह पत्र भी सार्वजनिक कर रहा हू ।

विश्वास करता हू कि मेरे इस पत्र का सम्मान करके कृपया आप भी तुरंत छात्रो की " परीक्षा केंद्र समस्या 

" पर वर्तमान स्थिती तथा निर्णयो को सार्वजनिक करेंगे, जिससे छात्रो को चिंतामुक्त किया जा सके और 

वे परीक्षा केंद्र पर पहुञ्चने की योग्य व्यवस्था / पूर्व तैयारी कर सके । यह भी आग्रह करता हू कि कृपया 

उपरोक्त प्रकरण पर वर्तमान स्थिती की सार्वजनिक की गयी या सार्वजनिक की जानेवाली जानकारी 

अथवा जानकारी सार्वजनिक नही करने संबधी निर्णय आदी की प्रतिलिपी / पत्र इस विषय में पत्राचार 

करनेवाले सभी महानुभावो को तुरंत प्रेषित करावाने का कष्ट करे और शासन की पारदर्शक कार्यप्रणाली को 

वरियता देते हुवे उक्त प्रस्तुती का श्रीगणेश करें, जिसके लिये मै सदैव आभारी रहूंगा । धन्यवाद । 

शुभकामनाओ सहित,

भवदीय,


चंद्रकांत वाजपेयी ( जेष्ठ नागरिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता )

औरंगाबाद. महाराष्ट्र. ईमेल : chandrakantvjp@gmail.com



No comments:

Post a Comment