Friday, 12 July 2013

आता वेळ आली आहे, " कृपाकरून ही वेळ दवडू नका | " स्वत:च्या हक्काच्या संरक्षणा साठी निर्भिक होवून राष्ट्रपति साहेबाना तात्काळ ईमेल पाठविणे आवश्यक ।

आता वेळ आली आहे,
"कृपाकरून ही वेळ दवडू नका"


आपला हक्क सारला जाण्याची शक्यता आहे, तेव्हा या हक्काच्या संरक्षणा साठी निर्भिक होवून राष्ट्रपति साहेबाना देशाचे पूर्व मुख्य सुचना आयुक्त श्री शैलेश गांधी यांनी पाठविलेल्या ईमेलची प्रत तुमच्या स्वत: कडून स्वत:च्या नावाने पाठविण्याचे करावे | 
  || " विसरू नका वेळेला महत्व असते " || 

भारतीय नागरिक बंधू भगिनिनों, 
आपले सर्वांचे मुळभूत हक्का पैकी एक हक्क आहे " माहितीचा अधिकार "  सर्वश्री अण्णा साहेब हजारे, मेघाताई पाटकर, शैलेश गांधी, अरविंद केजरीवाल आणि शेकडो-हजारो सज्जनांनी १४ वर्षे अतिशय मेहनत करून, कारावास भोगून व शासनाशी लढाई लढून सन २००५ मध्ये हां कायदा देशात लागू करण्यास शासनास भाग पाडले | याच कायद्याला " आरटीआय " असे पण म्हणतात | मा. अण्णाच्या अनेक वर्षाच्या चळवळीतून लोक RTI अधिकाराचा उपयोग करण्यास शिकले, परिणामत: भ्रष्ट्राचारमुक्ति करणाच्या दिशेने हायकोर्ट व सुप्रीम कोर्टाचे अतिशय महत्वाचे निर्णय आले आहेत | जसे २ वर्षासाठी दंडित अपराधी याना उमेदवारी नाही, राजकीय पक्ष आरटीआय अंतर्गत त्या मुळे पक्षाची आर्थिक माहिती सार्वजनिक, जातीचे राजकारणावर कुर्हाड अर्थात जातीय आधारावर रैली वर बंदी इत्यादि त्या मुळे आता कायदा विहीन शासन तसेच भ्रष्ट्राचार करणार्या राजनेत्यान्च्या पाया खालची जमींन धासळू लागण्याची वेळ आली आहे |
आता या वेळी फक्त अपराधी-भ्रष्ट्राचारी आणि सत्तेसाठी पैसा लूबाडणारे राजकारणी तसेच केवळ त्यांच्या पावलावर पावले टाकून चालणारे, जी हुजुरी करून भ्रष्ट्राचाराला पोसणारे कांही सरकारी अधिकारी - कर्मचारी एकत्र येवून स्वत:चा जीव वाचविण्या साठी " एक अध्यादेश देशात लागू करण्याचा प्रयत्न करीत आहे | ते सर्व लोक या अध्यादेशाचे मार्फत आपला मूळभूत हक्क ' आरटीआय ' हिसकवण्याची किंवा या कायाद्यास कमाकुवत करण्याची वेळ आणताहेत की काय असे वाटते | म्हणूनच आता नागरिकानी सज्ज होवून, आपला हक्क सारला जाण्याची शक्यता असल्याने आपल्या हक्काच्या संरक्षणा साठी निर्भिक होवून मा. राष्ट्रपति साहेबाना देशाचे पूर्व मुख्य सुचना आयुक्त श्री शैलेश गांधी यांनी पाठविलेल्या ईमेलची प्रत स्वत: कडून पाठवावी आणि आपल्या ईमेल ची प्रत ईमेलआयडी shaileshgan@gmail.com किंवा आयडी chandrakantvjp@gmail.com वर पाठवावी ही विनंती | श्री शैलेश गांधी यांनी राष्ट्रपति साहेबांना पाठविलेल्या ईमेलची प्रत खालील प्रमाणे आहे :--

To
Shri Pranab Mukherjee,
President of India. 
Email : President of India <secy.president@rb.nic.in>

Dear Sir,
There are reports that the Government has decided to promulgate an ordinance to amend the RTI Act. The ostensible purpose is to counter the decision of the CIC declaring six political parties as Public authorities which are subject to the Right to Information Act. Representatives of all political parties have stated that they believe the CIC decision is unsound legally and hence they are opposing it. If they are being truthful, they can certainly go in a writ to the Courts. Hundreds of CIC decisions have been quashed by the Courts. 
I am sure you realise that an ordinance should only be promulgated when there is a great urgency. Article 123 of the Constitution states (1) If at any time, except when both Houses of Parliament are in session, the President is satisfied that circumstances exist which render it necessary for him to take immediate action, he may promulgate such Ordinance as the circumstances appear to him to require. 
In the instant case citizens cannot see any reason which justifies an ordinance. Curtailing citizen's fundamental right and issuing an ordinance to frustrate a statutory order are morally and legally repugnant. Frustrating an existing law arbitrarily, will not promote the rule of law. I plead with you to consider whether it would be right to curb citizen's fundamental rights by ordinance when there appears to be no need for immediate action. 
If you do issue the said ordinance, i am hoping you will share the reasons for the immediate action with citizens.
Best regards,
shailesh gandhi
former Central Information Commissioner .

Monday, 8 July 2013

७५ कि.मी दूरी पर स्थित खकनार परीक्षा केंद्र को बदल कर नेपानगर अथवा बुरहानपुर करने एवं सम्पूर्ण शासकीय व्यवस्थाए तुरंत प्रभावसे पारदर्शी बनाने बाबद |

 ७५ कि.मी दूरी पर स्थित खकनार परीक्षा केंद्र कोबदलकर नेपानगर अथवा बुरहानपुर करने एवं 

सम्पूर्ण शासकीय व्यवस्थाए तुरंत प्रभावसे पारदर्शी बनाने बाबद |


आज दिनांक : ०८ - ०७ - २०१३ रात्री १९:४९ बजे 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी 

को उनकी अधिकृत वेबसाईट 


और ई-मेलआयडी cm@mp.nic.in, cs@mp.nic.in  पर निम्न 

ईमेल पत्र प्रेषित किया | 




पहले अभी का ताजा घटना क्रम पढ़े :--- ( फिर ०८ / ०७ / २०१३. १९:४९ बजे भेजा ईमेल पढ़े )

आज अभी दिनांक ०८/०७/२०१३ को रात लगभग २०:३० म.प्र. के मुख्यमंत्री जी श्री शिवराज सिंह 

चौहान जी के सचिव श्री खान जी नें दूरभाष क्रमांक ०७५५ - २४४२२३३ द्वारा मेरे निवास के 

दूरभाष क्रमांक ०२४० - २३४००१९ पर संपर्क करके सूचना दी और खेद व्यक्त कर कहा,

कलेक्टर बुरहानपुर ने माना है कि त्रुटी हुई है । 

बारिश के कारण सचमुच परीक्षा केंद्र पर बस को लंबा घूम कर जाना पडेगा

जिससे नेपानगर के विद्यार्थियों को बहुत दूरी तय करनी पड़ेगी, उन्होंने कहा भविष्य में

कभी ऐसी भूल नहीं होगी इस हेतु कलेक्टर ने फ़ाइल पर योग्य लेख दिया है और अस्पष्ट 

रूप से क्षमस्व की बात करते हुवे बताया कि 'वाजपेयी जी कलेक्टर सा. आपको बाद 

में आपके पत्र का उत्तर भेजेंगे । समाचार पत्र में इसकी जानकारी देने के विषय में वे 

बोले 'हमने आपको आपके पत्राचार पर जानकारी दी है, यह हमारा काम था,हमने किया'

इस चर्चा दौरान मैंने श्री खान, सचिव महो. से आग्रह किया कि वे मेरे पत्र में उल्लेखित शासकीय 

कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने विषयक व्यवस्था को मुख्यमंत्री जी के ध्यान में लाएं, जिसपर उन्होंने मुझे 

कहा कि आपका यह सन्देश मुख्यमंत्री जी को दूंगा । धन्यवाद वाजपेयी जी ।  


---: अब पढ़े आज दि. ०८ / ०७ / २०१३. को 19:49 बजे मुख्यमंत्री जी को भेजा ईमेल पत्र :---


आदरणीय कर्तव्यनिष्ठ मुख्यमंत्री जी,
सस्नेह प्रणाम ।  

विगत दिनो से मेरे द्वारा सतत निवेदन किया गया था कि " नॆपानगर के १० वी बोर्ड पूरक 

परीक्षा के परिक्षार्थीयो को खकनार परीक्षाकेंद्र पर दो आवागमन साधन जुटाते हुवे इस भयंकर 

बारिश के मौसम मे समय पर पहुन्चने में बहुत अधिक समस्या आयेगी जिससे कई छात्र 

परीक्षा से वंचित रह सकते है । अतएव यह प्रार्थना की गयी थी कि नेपानगर से बसमार्ग द्वारा 

लगभग ७५ कि.मी दूरी पर स्थित खकनार परीक्षा केंद्र को बदलकर इन विद्यार्थियो के लिये 

नेपानगर अथवा बुरहानपुर परीक्षाकेंद्र उपलब्ध किया जाये ।

उपरोक्त के संबंध में आज दिनांक ०८ / ०७ / २०१३ को दोपहर लगभग १४:२० बजे 

भोपाल से दूरभाष क्रमांक ०७५५ - २४४२२३३ द्वारा मेरे निवास के दूरभाष क्रमांक ०२४० - 

२३४००१९ पर कहा गया कि मा. मुख्यमंत्रीजी  के निवास से सचिव बोल रहा हू, " चंद्रकांत 

वाजपेयीजी आपकी सूचनाओ पर कलेक्टर बुराहानपुर ने बताया है कि आपने परीक्षाकेंद्र को 

नेपानगर से ७५ कि.मी. दूर बताया है वह गलत है। गतवर्ष की तुलना में केंद्रकी दुरी कम हुई 

है |
पिछलीबार मात्र बुऱ्हानपूर केंद्र था परंतुअब ४केंद्र बनाकर सुविधा दी गई है |पत्र प्रेषक 
नें निवेदन किया कि कृपया उक्त बाते आप ईमेल करके भेजे जिस पर संवादकर्ताने कहा
कि ८-१० दिन में कलेक्टर साहाब पत्र से जानकारी देंगे। परीक्षा का समय है,समयका 
अभाव है, तत्काल जानकारी देने के लिये मुख्यमंत्रीजी की ओर से यह फोन किया है ।  
संवादकर्ता सचिव महोदयने दुबारा दूरभाष संवाद पर कहा कि कल जिस किसी छात्र/
छात्रा की परीक्षा है उसका नाम शीघ्र बतावे जिससे उसे क्षति नहो ऐसी व्यवस्था पर 
विचार हो सके |  धन्यवाद ।

आदरणीय मुख्यमंत्रीजी मै ह्रदय से आभारी हू कि आपकी ओर से सचिव जी ने संपर्क 
करके उक्त जानकारी से अवगत कराया है, और " विश्वसनीय मुख्यमंत्री " की मेरी सोच 
को इस दूरभाष संपर्क द्वारा सिद्ध किया है |

यद्यपि उक्त जानकारी संतुष्टिजनक व सत्य नहीं है कि इसवर्ष पिछले वर्षकी तुलनामें
पूरक परीक्षा के लिए कम दूरी तय करना पड़ेगी, क्योंकि विगतवर्ष मात्र बुरहानपुर
केंद्र था जबकि अब ४केंद्र है |वास्तवमें इसवर्ष खकनार परीक्षाकेंद्र जानेके लिए पहले
पिछले वर्षके केंद्र बुरहानपुर जो 43.2 कि.मी.दूर है जाना होगा फिर पुन:बस 
पकडकर   बुरहानपुर से 37.8 कि.मी. दूर खकनार जाना पडेगा |  

इस प्रकार मेरे द्वारा बताए अनुसार छात्र को बारिश के मौसम में 43.2+37.8
अर्थात कुल मिलाकर 81.00 कि.मी. यानी ७५ कि.मी. से ज्यादा दुरी की
यात्रा तय करके परीक्षा देने जाना होगा | 

(यह दूरिया सर्वमान्य गूगल मैप की है जो नीचे रेखांकित है |)

मान्यवर, बारिश के कारण बसेस की समयपर उपलब्धता एक बड़ी समस्या होगी,
इसीकारण यह उल्लेख किया गया था कि संभव है कि छात्रों को परीक्षासे वंचित होनापड़े,
और माध्य. शिक्षा मंडल की त्रुटिपूर्ण व्यवस्था के चलते हानि उठानी पड़े |  

यहाँ यह स्पष्ट किया जाता है कि मेरे उपरोक्त निवेदन का उद्देश्य सभी सम्बंधित 
छात्रों के संरक्षण का रहा है किसी विद्यार्थी विशेष अथवा विद्यालय विशेष छात्रोंके 
हित संवर्धन का दृष्टिकोण नहीं होने के कारण दूरभाष पर संवादकर्ता सचिव 
महोदय द्वारा इच्छित सम्बंधित किसी भी एक छात्र का नाम प्रस्तुत करना मुझे 
संभव नहीं होगा, क्षमस्व |

श्रद्धेय मुख्यमंत्री जी ,  
कृपाकरके छात्रों के साथ इस वर्ष जो दु:खद घटना हुई,
वह भविष्य में नहीं होवे,इसका विशेष ध्यान रखा जाए।

और 

मेरे द्वारा निवेदित दिशा द्वारा  

सम्पूर्ण शासकीय व्यवस्थाए 

तुरंत प्रभावसे पारदर्शी बनाए
साथ ही इस विषय के प्रगति की जानकारी दी जाए |

पूर्व पत्र के विषय सत्यापनार्थ

गूगल मैप से नेपा - खकनार की दूरी 81 कि.मी. का विवरण :--

Suggested routes 43.2 km, 49 mins
  1. Indore-Icchapur Rd/MP SH 27/MP 

Driving directions to Burhanpur, Madhya Pradesh, India
Nepanagar, Madhya Pradesh
India
1. Head southwest
7.5 km
2. Turn right
1.2 km
3. Sharp left
toward Indore-Icchapur Rd/MP SH 27/MP SH 50
7.1 km
4. Turn left onto Indore-Icchapur Rd/MP SH 27/MP SH 50
26.6 km
5. Turn left onto Lalbagh Rd
Pass by IDBI Bank 
(on the left)
400 m
6. Take the 3rd right
onto Court Rd
400 m
Burhanpur, Madhya Pradesh
India

Suggested routes

  1. 37.8 km, 35 mins
    Court Rd
Driving directions to Khaknar, India
Burhanpur, Madhya Pradesh
India
1. Head toward Rd
north on Court Rd
71 m
2. Take the 1st right
onto Rd
1.2 km
3. Turn left
36.5 km
Khaknar
India

धन्यवाद एवं शुभकामनाओं सहित

भवदीय,


चंद्रकांत वाजपेयी ( जेष्ठ नागरिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता ) 

ईमेल :--  chandrakantvjp@gmail.com




Sunday, 7 July 2013

विद्युतगती कार्यवाही हेतु| २ दिनबाद परीक्षा-परीक्षाकेंद्र की समस्या? "पारदर्शकता अभाव के दु:ष्परिणाम"


आज दिनांक : ०७- ०७ - २०१३ दोपहर १२:५६ बजे 
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी 
को उनकी अधिकृत वेबसाईट 
और ई-मेलआयडी cm@mp.nic.in, cs@mp.nic.in  पर निम्न 
पत्र प्रेषित किया | 




दिनांक : ०७-०७-२०१३. १२:५० बजे [विद्युतगती से तत्काल कार्यवाही हेतू]

आदरणीय विश्वसनीय मुख्यमंत्री जी,      सस्नेह सादर प्रणाम । 


अब केवल २ दिन शेष । विगत ४ दिनो से क्रमबद्ध लिखित, व कार्यालयीन कर्मचारियो के माध्यम से 

दूरभाष सूचनाओ द्वारा ध्यानाकर्षण का सिलसिला जारी| परंतु कोई उत्तर नही और समस्या निदान संबंधी 

कोई जानकारी भी नही । माध्य. शिक्षा मंडल की अव्यावहारिक कार्य पद्धती के कारण १० वी बोर्ड पूरक 

परीक्षा में नेपानगर के विद्यार्थियो का परीक्षा से वंचित रहना संभव । आपात स्थिती में भी माध्य. शिक्षा 

मंडल से दु:खद, अत्यंत लचर व अमानवीय व्यवहार का प्रतिदिन अनुभव । अत्यंत दु:खद, कटू व 

अक्षम्य प्रशासकीय व्यवस्थाए ,  ऐसा क्यो ? 



माननीय मुख्यमंत्री जी व मुख्यसचिव को भी दि. ०४ जुलाई २०१३ को सायं ०४:४५ बजे इस आशय का 

ईमेल भेजा था जिसमे निवेदन किया गया था कि केवल मुख्यमंत्री जी की पहल से विद्यार्थियो की 

संभावित हानी को बचाया जा सकेगा, मा. मुख्यमंत्री जी कृपया माध्य. शिक्षा मंडल के सचिव को 

निर्देशित करे कि " पहुञ्चविहिन परीक्षा केंद्र खकनार को बदलकर नेपानगर अथवा बुराहानपुर करे, 

विद्युतगती से उक्त पहल और समस्या निराकरण करना आवश्यक है । " 



माननीय मुख्यमंत्री जी की अधिकृत वेबसाईट सहित अनेक बार मुख्यमंत्री जी के दोनो ट्विटर पृष्ठ पर 

उक्त कटू स्थिती व आवश्यकता को रेखांकित किया । " दु:खद है कि उपरोक्त के बावजूद भी आज दिनांक 

०७/०७/२०१३ दोपहर १२:५० बजे तक मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं या कार्यालय कर्मचारियों सहित किसी भी 

सक्षम अधिकारी की ओर से कोई भी अधिकृत सूचना या समस्या निदान संबंधी जानकारी नही मिली है।" 



विश्वास है कि मुख्यमंत्री जी और शिक्षामंत्री नें तत्काल समस्या निदान के लिये योग्य निर्देश दिये 

होंगे, यह भी संभव है कि शायद शिक्षा मंडल के अधिकारियो ने  भी निर्देशो के पालनार्थ इस दिशामें 

कदम उठाये होंगे, 

परंतु दोनो पक्षो की ओर से सूचनाये सार्वजनिक नही की गयी है,  इस विषय में समस्या प्रेषको को समय 

सीमा के अंदर उत्तर नही दिये गये है | विभागीय अधिकारियो के व्यवहार भी निंदनीय, दु:खद और कटु 

अनुभव में आए है । अतएव विद्यार्थियो -पालको और नागरीको नें दु:खी होकर शासन-प्रशासन के प्रति 

अविश्वास के साथ साथ क्षोभ व्यक्त करना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है । 


दुर्भाग्य से पिछले कुछ वर्षों से देशभर में ठीक इस प्रकार के प्रकरण प्रतिदिन अनुभव में आने लगे  

है जिस कारण राजनेताओ, प्रशासको और नागरीको के मध्य परस्पर अविश्वास अत्याधिक बढा है।




माननीय मुख्यमंत्री जी, यह सदा स्मरण रखना होगा कि 

" विभिन्न सूचनाओ - आदेशो,  शासकीय - प्रशासकीय कार्यप्रणाली सम्बंधित जानकारी आदि की प्रेषण-

-विहीन व्यवस्था और शासकीय कार्य में पारदर्शकता के अभाव में ही शासन - प्रशासन और नागरीको के 

मध्य अविश्वास बहुत ज्यादा तीव्र हो जाता है।"  



शासन और नागरिको के बीच पनपा अविश्वास देश की प्रगती, सुरक्षा, 

स्थायी-शासक बने रहने की भूमिका, व्यक्तियो की मनमानी, 

भ्रष्ट्राचार, अत्याचार, अनाचार, अन्याय और महंगाई का कारक है, 

जिसे तुरंत रोकना आवश्यक है । 

मध्यप्रदेश सहित भारत के हर राज्य में यह स्थिती बनी है, जो अब एक राष्ट्रीय समस्या है। 

सार्वजनिक क्षेत्रो में शासन और नागरीको ने पारदर्शी व्यवस्थाये व्यवहार में लाने पर उपरोक्त 

समस्या का निदान होगा । 



अत: विशेष रूप से सरकारे गोपनीयता न रखकर सभी कार्यालयो के 

प्रतिदिन के क्रियाकलाप के सारांश, सभी आदेश / निर्देश और कार्यालयीन 

रोकडबही के प्रतिदिन के रेखांकित अभिलेख के पृष्ठ को प्रत्येक दिन 

सूचना पटल पर चस्पाये व चस्पाये गये हर कागज की प्रतिलिपी एक 

सप्ताह के अंदर वेबसाईट पर अपलोड करना अनिवार्य और बंधनकारी करे 

तो, निश्चित ही कोई समस्या नही रहेगी। 



शासन और नागरिक उपरोक्त समस्या निदान को सहज व्यवहार में ला सकते है । 


अतएव मै सार्वजनिक कार्यो के संपूर्ण व्यवहारो को पारदर्शी बनाने का आग्रह व व्यवहार कर रहा हू, 


इसी के अंतर्गत इस सूचना के साथ आज यह पत्र भी सार्वजनिक कर रहा हू ।

विश्वास करता हू कि मेरे इस पत्र का सम्मान करके कृपया आप भी तुरंत छात्रो की " परीक्षा केंद्र समस्या 

" पर वर्तमान स्थिती तथा निर्णयो को सार्वजनिक करेंगे, जिससे छात्रो को चिंतामुक्त किया जा सके और 

वे परीक्षा केंद्र पर पहुञ्चने की योग्य व्यवस्था / पूर्व तैयारी कर सके । यह भी आग्रह करता हू कि कृपया 

उपरोक्त प्रकरण पर वर्तमान स्थिती की सार्वजनिक की गयी या सार्वजनिक की जानेवाली जानकारी 

अथवा जानकारी सार्वजनिक नही करने संबधी निर्णय आदी की प्रतिलिपी / पत्र इस विषय में पत्राचार 

करनेवाले सभी महानुभावो को तुरंत प्रेषित करावाने का कष्ट करे और शासन की पारदर्शक कार्यप्रणाली को 

वरियता देते हुवे उक्त प्रस्तुती का श्रीगणेश करें, जिसके लिये मै सदैव आभारी रहूंगा । धन्यवाद । 

शुभकामनाओ सहित,

भवदीय,


चंद्रकांत वाजपेयी ( जेष्ठ नागरिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता )

औरंगाबाद. महाराष्ट्र. ईमेल : chandrakantvjp@gmail.com