Wednesday, 11 July 2012

Recommendation for economical transparency in India


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From: Chandrakant Vajpeyi <chandrakantvjp@gmail.com>
Date: 2012/7/10
Subject: आर्थिक पारदर्शी व्यवस्थाओं की स्थापना.  म.प्र. को देश का पथप्रदर्शक राज्य बनाने विषयक.
१० / ०७ / २०१२.
      विज्ञान व प्रौद्योगिकी समावेशित
 भ्रष्टाचारमुक्त भारत निर्माण आंदोलन
 [ गैर राजनीतिक व गैर व्यापारिक ज्ञान-विज्ञान विकास समूह ]
 समुह का पंजीयन प्रतीक्षित )
                  { संयोजक : चंद्रकांत वाजपेयी. जेष्ठ नागरिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता }
 
 मोबा. क्रमांक : +९१ ९७३०५००५०६.  ई-मेल : chandrakantvjp@gmail.com
एल१/५कासलीवाल विश्वउल्कानगरी,पार्वतीनगरारखेडाऔरंगाबाद. ४३१००५.   
 
 प्रतिष्ठा में,
                ( १ )    माननीय शिवराज सिंह चौहान साहेब. ( मुख्यमंत्री )
                         मुख्यमंत्री कार्यालय, मध्य प्रदेश शासन, भोपाल म.प्र.
 
                ( २ )                    माननीय मुख्य सचिव महोदय, 
                           म.प्र. शासन.  मुख्य  सचिव कार्यालय, भोपाल (म.प्र.)  
 
 
 माध्यम : -   जिलाधीश  ग्वालियर,  मध्य प्रदेश
 
विषय :-  आर्थिक पारदर्शी व्यवस्थाओं की स्थापना कर म.प्र. को   
                देश का  पथ - प्रदर्शक  राज्य बनाने विषयक. 
 
 
आदरणीय मुख्य मंत्री जी, 
                                         यह हर्ष और संतोष का विषय है कि सुराज व्यवस्थाओं की स्थापना में  म.प्र. द्रुत गती से अग्रेसरित हो रहा है |   प्रामाणिक प्रशासनिक व्यवस्थाये,  सरकार द्वारा आम आदमी के लाभ से जुडे कार्याक्रमो की प्रस्तुती,  " मा. मुख्यमंत्रीजी की   एक सच्चे जनसेवक के रूप में व्यावहारिक प्रस्तुती " और सत्ता पक्ष के  कार्यकर्ताओं की सकारात्मक भूमिका ही उपरोक्त हर्ष भरे सकारात्मक परिणामो की निर्मिती कर रही है |  
 
              " म.प्र. सरकार और प्रशासन को  हार्दिक बधाई और अभिनंदन. "
 
मान्यवर,  यह  सुस्पष्ट हो चुका है कि मनुष्य का धन पर अनियंत्रित लोभ और देशभर में स्थापित राजनीतिक माहौल,  किसी भी प्रामाणिक व्यक्ति अथवा ईमानदार शासन को आर्थिक अपराध या भ्रष्टाचार में लिप्तता के आरोपो से मुक्त रखने कि स्थिती  में नही है |  अत: राष्ट्रपतीजी से लेकर हर राष्ट्रभक्त नागरिक  /  समाजसेवी  और  शासक  केवल  चिन्तित  ही  नही  है ,  अपितु  इस  कठोरतम  समस्या  के  निदान  के  लिये   रात-दिन  एक  कर  रहे  है  | 
 
         विगतवर्ष १९ जून २०११  को   ई-मेल  /  निम्न  लिंक  के माध्यम  से " लोकपाल  मसौदा समिती "  ( अण्णा टीम व  केंद्र सरकार के मंत्रियो की टीम ) के सामने   " देश  में  भ्रष्टाचार मुक्ती  "  विषय पर  निवेदनकर्ता ने  आग्रह  किया था कि   "  ६ माह के भीतर प्रत्येक  सरकारी  एवं  गैरसरकारी  प्रतीष्ठानो  को  अनिवार्यत:  उनकी  वेबसाईट बनाना, उनके सभी आर्थिक व्यवहार केवल ई -बँकिंग पद्धती से करना  (  केवल  प्लास्टिक  मनी  पद्धती  द्वारा -करना ) और  कागजी कैशबुक के साथ-साथ  ई - कैशबुक संचालन करना
  अनिवार्य और  बंधनकारी किया जावे |

( लिंक नीचे दी गयी है, कृपया यथावश्यकता अवलोकन करे.)                             

                                         इस पत्र  /  ई-मेल द्वारा   मध्य प्रदेश शासन से आग्रह पूर्ण निवेदन है कि  मध्य प्रदेश में   "  ६  माह  के  भीतर  प्रत्येक   सरकारी   एवं   गैरसरकारी   प्रतीष्ठानो   को 
 अनिवार्यत:  उनकी  वेबसाईट बनाना, उनके सभी आर्थिक व्यवहार केवल ई-बँकिंग पद्धती से करना ( केवल प्लास्टिक-मनी पद्धती द्वारा करना ) और  कागजी कैशबुक के साथ-साथ ई - कैशबुक संचालन करना  अनिवार्य और  बंधनकारी किया जावे .  इस प्रकार  म.प्र. को आर्थिक पारदर्शी व्यवस्थाओं की स्थापना करने वाला देश का पथ-प्रदर्शक राज्य बनाया  जावे |
  
                         विश्वास है कि  ग्वालियर के सम्माननीय जिलाधीश जी देशहित का विचारकर और अपने कर्तव्य का परिचय देकर अनुशंसा सहित इस पत्र को म.प्र. शासन के पास शिघ्रताशिघ्र प्रेषित करेंगे और इसकी सुचना पत्र-प्रेषक को देंगे  |  इसी प्रकार यह भी विश्वास है कि  प्रदेश के प्रिय आदरणीय मुख्यमंत्रीजी, मंत्रीमंडल के सभी सदस्य, सत्ता पक्ष के पदाधिकारी और  सभी शासकीय अधिकारी - कर्मचारी अपने प्रामाणिक चरित्र कि प्रस्तुती  के लिये उपरोक्त स्थापना कर प्रदेश को गौरवान्वित करेंगे| 
                             उपरोक्त कृती के लिये मै सभी का अत्यंत आभारी रहूंगा |   

शुभकामनाओं सहित,  
 
राष्ट्रहितार्थ प्रतिबद्ध,             



चंद्रकांत वाजपेयी.  
मोबा. क्र. : -   +९१९७३०५००५०६.
ई - मेल : -  chandrakantvjp@gmail.com 

1 comment:

  1. Dear Shri Chandrakantji,
    Thank you for your suggestion,
    It can be done mandatory. On the limited base. We need to find out how feasible is this on ultra rural level. The non governments offices can go for online banking. We have to run this mission on a large scale for the government organizations too.

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