Saturday, 7 March 2015

तत्काल, आज विद्युत गति से 'महिला दिवस पर मानव संसाधन मंत्रालय अपना संकल्प घोषित करे' "महिला उत्पीडन रोकनें हेतू छात्रो को "मन पर नियंत्रण की शिक्षा"

तत्काल, आज विद्युत गति से
 महिला दिवस पर मानव संसाधन मंत्रालय
 अपना संकल्प घोषित करे.
"महिला उत्पीडन रोकनें हेतू छात्रो को "मन पर नियंत्रण की शिक्षा"
(इस व्यवस्था की स्थापना का निवेदन  |  औरंगाबाद [महा.] से मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी को ई-मेल )







Chandrakant Vajpeyi chandrakantvjp@gmail.com

3:39 AM (6 hours ago)
to SmritihrdministrySudhir, bcc: me
08 / 03 / 2015
प्रेषक :  चंद्रकांत वाजपेयी.  जेष्ठ नागरिक.  
गैरराजकारणी सामाजिक कार्यकर्ता, औरंगाबाद. ( महाराष्ट्र )
प्रोत्साहक : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी समावेशित भ्रष्टाचार-अपराध निर्मूलन व विश्वगुरू भारत निर्माण जनआंदोलन ।
एल 1/5, कासलीवाल विश्व,  उल्कानगरी, गारखेडा, औरंगाबाद ( महाराष्ट्र ) ई-मेल :chandrakantvjp@gmail.com

ष्रतिष्ठा में,

(1) सम्मानीय स्मृती इरानी जी,
मंत्री, भारत सरकार, 
मानव संसाधन विकास मंत्रालय,
नई दिल्ली.
(2) मा.  मुख्य सचिव महोदय,
मानव संसाधन विकास मंत्रालय,
नई दिल्ली.

  
विषय :  देशभर में  'महिला उत्पीडन एवं अपराध रोकने हेतु'  " छात्रों को मन पर नियंत्रण की शिक्षा "  सरकार देगी   |

आज महिला दिवस के अवसर पर मानव संसाधन मंत्री  मा. स्मृति ईरानी जी, यह घोषित करें  |

परम आदरणीय मंत्री जी, 
एवं  मा. मुख्य सचिव  महोदय जी, 

 अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मातृशक्ति का स्वागत एवं  विनम्र नमन 
 नारी  सुरक्षा व सम्मान का मेरा सादर वचन  


           यह सुस्पष्ट है की देश में व्याप्त असीमितअपराधों का मूल कारण  मनुष्य के मन में  धन व सत्ता का लोभ, स्वार्थ, अनीतिपूर्ण कार्य के प्रति निर्भीकता  और  वासना के दुर्गुणों का उद्भव है  |  जब तक मनुष्य स्वयं ही इन दुर्गुणों पर नियंत्रण करनें की प्रवृत्ति तथा नियंत्रण करनें की क्षमता को प्राप्त नहीं करेगा, तब तक  नारी असुरक्षा - नारी उत्पीडन सहित अनेकानेक प्रकार के असंख्य अपराध होते रहेंगें जो मनुष्य को कष्ट व पीड़ा देते रहेंगे |  यह स्मरण रहे कि  " किसी भी अपराधजन्य  और  कष्ट - पीड़ा उपजानेवाले समाज को शिक्षित समाज   या  सुसभ्य समाज  नहीं कहा जा सकता है  | "   मनुष्य का दृढ़ मनोबल ही इस बिकट समस्या से निजात दे सकेगा, जिसकी स्थापना मात्र  संस्कारक्षम्य शिक्षा से हो सकेगी  |
              शिक्षा देश और समाज की प्रगति तथा संरक्षण मात्र के लिए दी जाती है  | शिक्षा मनुष्य की विकृत मानसिकता व दुष्प्रवृत्ति रोकने के लिए दी जाती है  |  अतएव जब भारत की नारी असुरक्षित व  उत्पीडित रहेगी, अपराध होते रहेंगे, समाज में  कष्ट व पीड़ा का उद्भव होता रहेगा तब तक देश में  शिक्षा दी जाती है, यह कहना पूर्ण उचित नहीं होगा  |
उपरोक्त कारणों से  देशहित में मानव विकास मंत्रालय की मंत्री आदरणीया स्मृति इरानी जी  एवं  उनके मंत्रालय के माननीय मुख्य सचिव महोदय से विनम्र आग्रह है कि" आज  ८ मार्च  २०१५ को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवसके अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय एक विशेष संकल्प घोषित करे  |

संकल्प में कहा जाए कि   देशभर में महिलाओं की छेडछाड, बलात्कार, उत्पीडन   एवं  अपराधों को रोंकनें के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय  छात्रों को न पर नियंत्रण की शिक्षा "प्रदान करना आवश्यक मानता है  जिससे सुसभ्य समाज की निर्मिति हो |   अतएव आज दि.  ८ मार्च  २०१५ को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय अपना संकल्प व्यक्त करता है कि  यह मंत्रालय देश में शीघ्र  मन पर नियंत्रण की शिक्षा के पाठ्यक्रम की निर्मिति करकेआगामी शिक्षा सत्र २०१६-१७ से  देश के सभी विद्यालयों में उक्त पाठ्यक्रम का संचालन कराएगा | " 

मनुष्य के मन पर नियंत्रण करने के व्यावहारिक पाठ के साथ साथ इसके सैद्धांतिक ज्ञान के पाठयक्रम की निर्मिती और उसे शालाओं व महाविद्यालयों में संचालित किये जाने की आवश्यकता केवल अपने देश को ही नही बल्कि सारी दुनिया में है ।  मन पर नियंत्रण  करनें के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के उपयोग से  कुछ  नव उपकरणों  व  तंत्र  का विकास करना भी उपयुक्त होगा ।

मान्यवर,
देश में दैनिक रूप से रेप (बलात्कार) की अनेक सूचनाएं व महिला उत्पीडन की असीमित घटनाएं प्रकाश में आ रही है,  जिस कारण राष्ट्रीय  व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिंता व्याप्त होकर इस विषय में सर्वत्र चिंतन व परिचर्चाओ के खूब दौर चल रहे है |  चारों तरफ नारी असुरक्षा दिखाई देनें के कारण नागरिकों का गुस्सा सातवे आसमान पर पहुँच रहा है, जो स्वाभाविक है |  पुलिस-सैनिक बल प्रयोग से इसका नियंत्रण अस्थायी  और  अधिक खर्चीला अनुभव में आता है |

 मध्यप्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री राज चड्ढा, ग्वालियर,  नें उपरोक्त विषय में फेसबुक पर जो अभिव्यक्ति की है,  निश्चित ही वह पाठ्यक्रम निर्माण के विषय बिंदु में एक विचारणीय बिंदु है जो निम्नानुसार है :--
बलात्कार के लिए स्त्रियों की वेशभूषा या उनके सड़क पर निकलने के समय को दोषी ठहराने वाले वस्तुतः मानसिक रोगी ही हैं, अन्यथा इस देश में तीन साल की बच्चियां या बुरकाधारी स्त्रियां बलात्कार की शिकार कभी न होतीं |

               उपरोक्त महत्वपूर्ण विषय में विनम्रता व स्नेह के साथ अवगत किया जाता है कि मंत्रालय की ओर से अधिकृत पत्राचार होनें की स्थिति में मै यथावश्यकता'पाठ्यक्रम निर्माण एवं  संचालन' के  मुद्दे, वार्षिक कार्यक्रम तथा व्यवस्था बाबत मेरी दृष्टी विस्तार से प्रेषित करके सकारात्मक नि:स्वार्थ सहयोग देनें का प्रयत्न करूँगा |
विश्वास है कि मेरे उपरोक्त निवेदन को स्वीकार करके   आज महिला दिवस के प्रासंगिक दिन, निवेदित संकल्प घोषित किया जाएगा,और आपके कार्यालय से योग्य अधिकृत पत्राचार किया जाएगा, जिसके लिए मै मान्यवर का आभारी रहूंगा |

धन्यवाद |   
शुभकामनाओं सहित,

चंद्रकांत वाजपेयी.  
जेष्ठ नागरिक एवं गैरराजनीतिक सामाजिक कार्यकर्ता.
औरंगाबाद [ महाराष्ट्र ]  पिन :--   431001 

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