क्या मातृभाषा में शिक्षा पानें से
सचमुच अधिक अच्छे परिणाम आयेंगे ? ?
ABP माझा @abpmajhatv · 53m53 minutes ago VIDEO: माझा विशेष : सचमुच अधिक अच्छे परिणाम आयेंगे ? ?
इंग्रजी शाळा बंद करून मराठी टिकेल ?, पाहा विशेष चर्चा http://ow.ly/F2M7O #MajhaVishesh
पूर्व राष्ट्रपति और महानतम वैज्ञानिक श्री एपीजे अब्दुल कलाम साहाब कहते है,
मेरी शिक्षा मातृभाषा में हुई, इसलिए ऊँचा वैज्ञानिक बन सका |
पाठकों आप स्वयं बताइये कि देश के महानतम वैज्ञानिक और पूर्वराष्ट्रपति आदरणीय एपीजे अब्दुल कलाम सा.के अनुभवोंसे जिन्होंने सीख नही ली, बल्की उनके विचारों के विरुद्ध व्यवस्था बनाकर उनका अपमान किया और देश का नुकसान किया, उन्हें सजा क्यों न दी जाए ?
मेरी शिक्षा मातृभाषा में हुई, इसलिए ऊँचा वैज्ञानिक बन सका
- अब्दुल कलाम
- अब्दुल कलाम
Published: Wednesday, Feb 08,2012, 18:47 IST Source: IBTL
श्री ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, भारत में प्रक्षेपास्त्रों की जो परियोजना चली उसके पितामहः माने जाते है | कलाम जी बोले की उनके अतिरिक्त इस परियोजना में जितने और भी वैज्ञानिक है , उन सभी वैज्ञानिकों की मूल भाषा मलयालम, तमिल, तेलगु, कन्नड़, बांग्ला, हिंदी, मराठी, गुजराती आदि है अर्थात हमारी मातृभाषा में जो वैज्ञानिक पढ़ कर निकले उन्होंने स्वदेशी तकनीकी का विकास किया एवं देश को सम्मान दिलाया |
श्री ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, भारत में प्रक्षेपास्त्रों की जो परियोजना चली उसके पितामहः माने जाते है | कलाम जी बोले की उनके अतिरिक्त इस परियोजना में जितने और भी वैज्ञानिक है , उन सभी वैज्ञानिकों की मूल भाषा मलयालम, तमिल, तेलगु, कन्नड़, बांग्ला, हिंदी, मराठी, गुजराती आदि है अर्थात हमारी मातृभाषा में जो वैज्ञानिक पढ़ कर निकले उन्होंने स्वदेशी तकनीकी का विकास किया एवं देश को सम्मान दिलाया |
मा. एपीजे अब्दुल कलाम साहाब के कथन का सारांश :
मातृभाषा में कमसे कम प्राथमिक स्तर की शिक्षा लेनें से विद्यार्थी को अधिकतम समझ आती है | ( विषय ज्ञान अपेक्षाकृत ज्यादा परिपक्व होता है जो अविष्करात्मक विचारों को प्रबल करता है | )
मातृभाषा में कमसे कम प्राथमिक स्तर की शिक्षा लेनें से विद्यार्थी को अधिकतम समझ आती है | ( विषय ज्ञान अपेक्षाकृत ज्यादा परिपक्व होता है जो अविष्करात्मक विचारों को प्रबल करता है | )
मित्रों स्वयं विचार कीजिये कि " क्या भारत की वह सरकारे और वे सभी अंग्रेजभक्त नागरिक जिन्होंने बच्चों को प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा के बजाय अन्य भाषा में विशेषत: "अंग्रेजी भाषा में देनें की पैरवी की और इसका अट्टहास करके राष्ट्रभाषा या अन्य स्थानीय / मातृभाषा के प्राथमिक विद्यालयों को बंद करवानें में कोई कसर नहीं छोड़ी क्या वे गलत नहीं थे ?? क्या उन्होंने देश का नुकसान नहीं किया ???
यदि आपका उत्तर हाँ में है, तो आप सचमुच अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से प्रस्तुत शिक्षा विषयक विचारों का और मा. कलाम साहाब के अनुभवों का समर्थन करते है | फिर आप भी देश के हित में सरकार को लिखिए और अपने स्वयं के तथा देश के बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनाइये |
जरुरत समझें तो गलतियों को सुधार दिजिये,
गलती करनें वालों को आत्म शर्मिंदगी की सजा ही काफी है |
.......... चंद्रकांत वाजपेयी.
जेष्ठ नागरिक एवं गैरराजनीतिक सामाजिक कारकर्ता, औरंगाबाद.
ई-मेल : chandrakantvjp@gmail.com
गलती करनें वालों को आत्म शर्मिंदगी की सजा ही काफी है |
.......... चंद्रकांत वाजपेयी.
जेष्ठ नागरिक एवं गैरराजनीतिक सामाजिक कारकर्ता, औरंगाबाद.
ई-मेल : chandrakantvjp@gmail.com
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सरकार से मांग
शिक्षा का माध्यम मातृभाषा हो.
Read Delhi NCR latest News on delhincr.amarujala.com,channel in Hindi language, Delhi NCR Hindi News, DL News In Hindi, DL News Online In Hindi, Current News...
WWW.DELHINCR.AMARUJALA.COM
No comments:
Post a Comment